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Ganesh Chaturthi 2022 Chauth Chandra or Chaurchan Puja / गणेश चतुर्थी एवं चौरचन पर्व

Ganesh Chaturthi 2022 Chauth Chandra or Chaurchan Puja  / गणेश चतुर्थी एवं चौरचन पर्व 

गणेश  चतुर्थी को भगवान गणेश की जयंती के रूप में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी पर, भगवान गणेश को ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद मास  के शुक्ल पक्ष के समय  हुआ था। वर्तमान में गणेश चतुर्थी का यह पर्व अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार  अगस्त या सितंबर के महीने में मनाया जाता  है। 


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भगवान् श्री गणेश।  

गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है यह महाराष्ट्र का मुख्य पर्व भी  है। पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान् श्री गणेश जी का जन्म हुआ था।गणेश चतुर्थी पर हिन्दू भगवान गणेशजी की पूजा करते  है।

भगवान् गणेश जी का मंत्र :-


वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥



Chauth Chandra or Chaurchan Puja/ चौरचन पर्व 


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                                                 चौरचन पूजा।  


 मिथिला क्षेत्र  में लोग इस दिन को  चौरचन  के रूप में मानते है। चौरचन मिथिला में मनाये जाने वाला ऐसा त्योहार है, जिसमें चांद की पूजा बड़ी धूमधाम से होती है। मिथिला का यह पर्व अपने आप में काफी खास है। इस दिन लोग चन्द्रमा को भोग अर्पित करते है, उनसे आशीर्वाद मंगाते है।  यह पर्व मनुष्य और प्रकृति के बीच प्रेम को भी दर्शाता है।  यह पर्व बिहार के छठ पूजा से थोड़ा बहुत मिलता जुलता है ,जहाँ छठ में सूर्य की पूजा की जाती है वहीँ चौरचन में चन्द्रमा की। अतः यह पर्व है  प्रकीर्ति को धन्यवाद देने का जो की उसने बिना कुछ लिए हमे इतना सब दिया है। हम कल्पना भी नहीं कर सकते सूर्य और चन्द्रमा के बिना इस जीवन की।
    






गणेश चतुर्थी एवं चौरचन पर निषिद्ध चंद्रमा

ऐसा माना जाता है कि गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा को नहीं देखना चाहिए। गणेश चतुर्थी पर चांद दिखने से मिथ्या दोष या मिथ्या कलंक (कलंक) बनता है जिसका अर्थ है किसी चीज को चुराने का झूठा आरोप।

यदि किसी ने गलती से भी गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा को देखा है तो उसे श्राप से मुक्ति पाने के लिए मंत्र का जाप करना चाहिए -

सिंह: प्रसेनमवधिस्सिंहो जाम्बवता ह तो।
सुकुमार मन्दिस्तव ह्येष स्यामन्तक: स्त

सिम्हा प्रसेनमाधवत्सिमो जाम्बवता हतः।
सुकुमारका मरोडिस्तव हयसा स्यामंतकाह 

गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी और गणेश चौथ के नाम से भी जाना जाता है।


Ganesh Chaturthi 2022 Chauth Chandra or Chaurchan Puja  / गणेश चतुर्थी एवं चौरचन पर्व 



31,अगस्त 2022 बुधवार को गणेश चतुर्थी मनाया  जायेगा। 

गणेश पूजा मुहूर्त - सुबह 11:06  से दोपहर 01:42  तक
अवधि - 02  घंटे 36  मिनट

10 सितंबर, 2022 मंगलवार को गणेश जी का मूर्ति  विसर्जन ।

चंद्रमा के दर्शन से बचने का समय - प्रातः 09 :07  से रात्रि 09: 25 तक
अवधि - 12 घंटे 19 मिनट
चतुर्थी तिथि प्रारंभ - 11:02 पूर्वाह्न 21, अगस्त 2020
चतुर्थी तिथि समाप्त - 07:57  अपराह्न 22 अगस्त, 2022



Ganesha Chaturthi celebrated on Wednesday, August 31, 2022


Shree Ganesha Puja Muhurat 11:06 AM to 1:42 PM

Duration - 02 Hours 36 Mins

Ganesha Idol Visarjan on Tuesday, September 10, 2020


Time to avoid Moon sighting09:07 AM to 09:25 PM


Duration - 12 Hours 19 Mins

Chaturthi Tithi Begins - 11:02 AM on August 21, 2020


Chaturthi Tithi Ends - 07:57 AM on August 22, 2020



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