मिथिला का संक्षिप्त परिचय / Mithila ka Parichya
मिथिला अपने परम्पराओं के लिये भारत और भारत के बाहर जानी जाती रही है। इस क्षेत्र की प्रमुख भाषा मैथिली है।
हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में सबसे पहले इसका स्पष्ट उल्लेख वाल्मीकीय रामायण में मिलता है।
आज हम मिथिला के बारे संक्षिप्त में जानेंगे।
मिथिला के रत्न :-
महाकवि विद्यापति जी |
श्री राम एवं जानकी जी मिथिला में |
मिथिला की नदियाँ :-
बागमती नदी नेपाल में। |
बागमती नदी को नेपाल की पवित्र नदी का दर्जा प्राप्त है, ठीक वैसे ही जैसे की भारत में गंगा और यमुना। नेपाल की राजधानी काठमांडू भी इसी नदी के किनारे बसी हुई है। भगवान् पशुपति नाथ जी का मुख्य मंदिर भी इसी नदी के किनारे स्तिथ हैं। और दूसरी तरफ लक्ष्मणा नदी का भी अपना अलग ही धार्मिक महत्व है इसी पवित्र नदी के किनारे सीतामढ़ी धाम बसा हुआ है, वही सीतामढ़ी जो की माँ जानकी की जन्म स्थली है।
कोशी नदी अपने शांत स्वरूप में। |
मिथिला एक बहुत ही सुन्दर राज्य है जिसकी उपेक्षा बहुत ही वर्षो से की जाती रही है मिथिला की पहचान उसकी कला है, उसकी भाषा है, जो की अब नष्ट होने के कगार पर पहुँच चुकी है, और इसका बहुत बड़ा श्रेय राज्य सरकार को जाता है आप ही सोचिए अगर मिथिला का अपना अक्षर है तो फिर उसकी बजाये किसी और भाषा का उपयोग कहा तक उचित है, क्यों राज्य सरकार दक्षिण भारत, गुजरात और पंजाब जैसे राज्यों से नहीं सिखती ?
विश्व प्रसिद्द चित्रकला (मधुबनी पेंटिंग ) :-
मिथिला अपने चित्र कला से पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है यह नाम उसने अपने दम पर कमाया है इस बात से तो सभी वाकिफ भी है, न की यह सिर्फ कही-सुनी बात है।
विश्व प्रसिद्द चित्रकला (मधुबनी पेंटिंग ) :-
मिथिला चित्रकला |
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