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Historical Places in Delhi

Historical places in Delhi/दिल्ली के मुख्य ऐतिहासिक आकर्षण 



दिल्ली शुरुआत से ही पर्यटन का  एक  केंद्र रही है और इसे बेहद खास बनाते है इसका इतिहास।  न जाने कितने राजवंश  आये और गए लेकिन ज्यादातर राजाओं  की पहली पसंद दिल्ली ही रही न जाने ऐसे कितने इतिहास समेटे बैठी है ये दिल्ली , जो इसके खूबसूरती में  चार  चाँद लगते  है, वो है इसके धरोहर, तो चलिए आज हम इन्ही में से कुछ बेहतरीन जगहों के बारे में जान लेते है  वो  भी इस लेख के माध्यम से 


१.  लालकिला :- दिल्ली का यह  ऐतिहासिक,लाल किला,(चांदनी चौक), पुरानी दिल्ली इलाके में स्थित, लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है। 
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लाल किला 

लाल किले को पाँचवे मुग़ल बाद्शाह शाहजहाँ ने बनवाया था। इस किले का नाम  "लाल किला", इसकी दीवारों के लाल रंग के कारण पड़ा । इस ऐतिहासिक किले को वर्ष २००७ में युनेस्को द्वारा  विश्व धरोहर स्थल चयनित किया गया था। 



२. हुमायूँ  का मकबरा :-  हुमायूँ का मकबरा  नई दिल्ली में पुराने किले के निकट निज़ामुद्दीन में मथुरा मार्ग के समीप ही स्थित है। 

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हुमायूँ  का मक़बरा 

इस मक़बरे में खास बात वही चारबाग शैली है, जिसने भविष्य में ताजमहल को जन्म दिया।

१९९३ में इस इमारत समूह को युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल 

घोषित किया गया है ।







. लोदी उद्यान :- यह दिल्ली के मध्य सफदरजंग मकबरे के समीप लोदी मार्ग  पे स्थित है।
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लोधी उद्यान 

उद्यान के बीचों- बीच यहाँ लोदी वंश के कई मकबरे है। इस उद्यान क्षेत्र लगभग १० एकड़ में फैला हुआ है, जिसमे उद्यान के अलावा दिल्ली सल्तनत काल के कई प्राचीन स्मारक भी हैं जिनमें मुहम्मद शाह का मकबरा, सिकंदर लोदी का मक़बरा, शीश गुंबद एवं बड़ा गुंबद प्रमुख हैं।








४.  क़ुतुब मीनार :-  कुतुब मीनार  दक्षिण दिल्ली के महरौली  में स्थित, ईंट से बनी विश्व की सबसे ऊँची मीनार है। 

क़ुतुबमीनार को  युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के रूप में स्वीकृत किया गया है।

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क़ुतुब मीनार 




सफदरजंग का मकबरा   :-  सफदरजंग का मकबरा दिल्ली की प्रसिद्ध एतिहासिक इमारतों में से एक है। यह मकबरा दक्षिण दिल्ली में श्री औरोबिंदो मार्ग स्थित  है। 
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सफ़दरजंग का मकबरा 

सफदरजंग का मकबरा अंतिम मुगल बादशाह मुहम्मद शाह के शक्तिशाली व कुशल प्रधान मंत्री सफदरजंग की स्मृति में नवाब शुजादुल्लाह के द्वारा १७५४ ई.में बनवाया था। इमारत लाल बलुआ पत्थर से बनी है। इसका स्थापत्य हुमायूँ मकबरे के ढांचे पर ही आधारित है। चारों ओर पानी की चार झीलें हैं, जो चार इमारतों तक जाती हैं। 









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