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Dhanteras 2019 : कब है धनतेरस और क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त?

Dhanteras 2019 : कब है धनतेरस और क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त? धनतेरस का त्यौहार भारत में बड़े ही हर्षो उल्लास के साथ मनाया जाता है , ऐसा माना जाता है की इसी दिन भगवान् धन्वन्तरि की उत्पत्ति  समुन्द्र मंथन द्वारा हुई थी।  भगवान् धन्वन्तरि को आयुर्वेद का जन्मदाता कहा जाता है।   यही वजह है की  धनतेरस को धन्वन्तरि जयंती के रूप में मनाया  जाता है।   Dhanteras 2019 इस दिन लोग नए बर्तन खरीदते है विशेषकर पीतल और चांदी  के बर्तन खरीदना शुभ मन गया है , क्यूंकि पीतल महर्षि धन्वन्तरि का धातु है।  इस दिन धन के देवता कुबेर और यमदेव की पूजा का भी विशेष महत्व है।  यह त्यौहार दिवाली के पांच त्योहारों में शामिल है।  दीपोत्सव की शुरुवात भी धनतेरस से ही होती है।   25 अक्टूबर 2019 शुक्रवार को धनतेरस पूजा।   धनतेरस पूजा मुहूर्त - प्रातः 07:08 से प्रातः 08:13 तक अवधि - 01 घंटा 05 मिनट प्रदोष काल - प्रातः 05:38 से प्रातः 08:13 तक वृष काल - प्रातः 06:50 से प्रातः 08:45 तक त्रयोदशी तीथि आरम्भ: - 07:08 अपराह्न 25 अक्टूबर 2019 से  त्रयोदशी तिथि समाप्त: - 03:46 PM 26 अक्टूबर 2019 तक।  

Diwali / Deepavali ,Lakshmi Puja Subh Puja Muhurat -2019 / दिवाली, दीपावली, लक्ष्मी पूजा शुभ पूजा मुहूर्त-२०१९ ।

Diwali / Deepavali 2019,Lakshmi Puja Subh  Puja  Muhurat  / दिवाली, दीपावली, लक्ष्मी पूजा शुभ पूजा मुहूर्त-२०१९ ।   दिवाली भारत के सबसे ज्यादा मनाये जाने वाले त्योहारों में से एक है, यह त्यौहार अंधकार पर प्रकाश के जीत का प्रतीक है  भारतवर्ष में मनाए जाने वाले सभी त्यौहारों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। दिवाली को   सिर्फ हिन्दू ही नहीं बल्कि  सिख ,   बौद्ध   तथा   जैन धर्म   के लोग भी मनाते हैं। जैन धर्म के लोग इसे   महावीर   के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं   तथा सिख समुदाय इसे   बन्दी छोड़ दिवस   के रूप में मनाता है। दिवाली, दीपावली, लक्ष्मी पूजा शुभ पूजा मुहूर्त-२०१९ ।   ऐसा माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा राम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात अयोध्या वापस लौटे थे।अयोध्यावासियों का ह्रदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित हो उठा था। भगवान् श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए। कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तब स

Sharad Poornima 2019, Kojagri poornima, Kojagra 2019 / शरद पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा, कोजगरा।

Sharad Poornima, Kojagri poornima, Kojagra 2019 / शरद पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा, कोजगरा।    एक वर्ष में कुल १२ पूर्णिमाएं आती है जिसमे शरद पूर्णिमा कक अपना एक ख़ास महत्व होता है, शरद पूर्णिमा के दिन भगवान चंद्र की पूजा करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। शरद पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा, कोजगरा कई क्षेत्रों में शरद पूर्णिमा को कोजागरा पूर्णिमा के रूप में जाना जाता है जब कोजागरा व्रत पूरे दिन मनाया जाता है। कोजागरा व्रत को कौमुदी व्रत (कौमुदी व्रत) के नाम से भी जाना जाता है। बिहार के मिथिला क्षेत्र में यह पर्व  किसी महा उत्सव से कम नहीं है। यह पर्व मिथिला को उसकी खास पहचान  दिलाता है। इसे यहां कोजगरा के नाम से जाना जाता है।  गुजरात में शरद पूर्णिमा को शरद पूनम के नाम से अधिक जाना जाता है। Sharad Poornima, Kojagri poornima, Kojagra 2019 / शरद पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा, कोजगरा।    शरद पूर्णिमा :-  रविवार, 13 अक्टूबर 2019 को  शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रोदय - प्रातः 05:56 पूर्णिमा आरम्भ  - 12:36 AM 13 अक्टूबर 2019 से  पूर्णिमा समाप्त - 14 अक्टूबर 2019 प्रातः 02:38 बज